|सूर्य जब विभिन्न राशियों में निवास करता है, उस समय उन्हें महीनों का नाम दे दिया जाता है। उन महीनों को सौर मास के नाम से जाना एवं पहचाना जाता है। सौरमास 365 दिन का और चंद्रमास 355 दिन का होने से प्रतिवर्ष 10 दिन का अंतर आ जाता है। इन दस दिनों को चंद्रमास ही माना जाता है। फिर भी ऐसे बड़े हुए दिनों को ‘मलमास' या ‘अधिमास' कहते हैं। 1. सूर्य जब मेष राशि में निवास करता है, तब उस माह को बैसाख माह कहते
2. सूर्य जब वृष राशि में निवास करता है, उस माह को ज्येष्ठ माह कहते हैं
3. सर्य जब मिथन राशि में निवास करता है, उस माह का आषाढ़ माह कहते हैं।
4. सर्य जब कर्क राशि में निवास करता है, उस माह को श्रावण माह कहते हैं।
5. सूर्य जब सिंह राशि में निवास करता है, उस माह को भाद्रपद माह कहते हैं।
6. सूर्य जब कन्या राशि में निवास करता है, उस माह को आश्विन माह कहते हैं।
7. सूर्य जब तुला राशि में निवास करता है. उस माह को कार्तिक माह कहते हैं।
8. सर्य जब वृश्चिक राशि में निवास करता है, उस माह को मार्गशीर्ष माह कहते हैं
9, सर्य जब धन राशि में निवास करता है, उस माह को पौष माह कहते हैं।
10. सूर्य जब मकर राशि में निवास करता है, उस माह को माघ माह कहते हैं।
11. सूर्य जब कुम्भ राशि में निवास करता है, उस माह को फाल्गन माह कहते हैं
12. सूर्य जब मीन राशि में निवास करता है, उस माह को चैत्र माह कहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा पूर्णिमा के दिन जिस माह में निवास करता है, उनके नाम इस प्रकार है
1. चैत्र- चित्रा, स्वाति।
2. वैशाख- विशाखा, अनुराधा।
3. ज्येष्ठ- ज्येष्ठा, मूल।
4. आषाढ़- पूर्वाषाढ़, उत्तराषाढ़, सतभिषा
5. श्रावण- श्रवण, धनिष्ठा।
6. भाद्रपद- पूर्वभाद्र, उत्तरभाद्र ।
7. आश्विन- अश्विन, रेवती, भरणी।
8. कार्तिक- कृतिका, रोहणी।
9. मार्गशीर्ष- मृगशिरा, उत्तरा।
10. पोष- पुनर्वसु, पुष्य।
11. माघ- मघा, अश्लेशा ।
12. फाल्गुन- पूर्वाफाल्गुन, उत्तराफाल्गुन, हस्त। नहीं करता।